सरिता बन मैं बहती जाऊं , अपनी मंजिल तक पहुंच जाऊं। सरिता बन मैं बहती जाऊं , अपनी मंजिल तक पहुंच जाऊं।
शायद मेरे अनुभवों से, किसी का भला हो जाये, और आगे ज़िन्दगी की राहपर, ठोकर लगने से बच शायद मेरे अनुभवों से, किसी का भला हो जाये, और आगे ज़िन्दगी की राहपर, ठोक...
"कुछ न होने जैसे इस होने पर तरंगित होना चाहता हूँ" "कुछ न होने जैसे इस होने पर तरंगित होना चाहता हूँ"
मैं भी कुछ कहना चाहता हूँ मैं भी कुछ कहना चाहता हूँ
मैं धरा पर कदम रखकर आकाश का हाथ पकड़ लेना चाहता हूँ मैं धरा पर कदम रखकर आकाश का हाथ पकड़ लेना चाहता हूँ
हादसों के बीच पला हूँ खुद के लिए ही बला हूँ नूर यूँ ही नहीं है चेह्रे पे हँस कर गम हादसों के बीच पला हूँ खुद के लिए ही बला हूँ नूर यूँ ही नहीं है चेह्रे ...